कॉपीराइटिंग क्या है? और कॉपीराइटिंग कैसे सीखें?

किसी विषय, वस्तु, ब्रांड, सेवा का प्रचार करने के लिए, खरीदने हेतु प्रेरित करने के लिए, कॉल टू एक्शन के साथ भावनात्मक शब्दों और वाक्यांशों के लेखन को कॉपीराइटिंग कहाँ जाता है। यह कॉपीराइटिंग की सरल व्याख्या है। 

कॉपीराइटिंग कंटेट राइटिंग की एक कला है, जो किसी व्यक्ति के पास पैदाइशी हो सकती है, लेकिन अगर आप को कॉपीराइटिंग सीखना है, यह स्किल खुद में डेवेलोप करना चाहते है तो आपको कई बातें समझनी होंगी जिसे हम इस आर्टिकल में समझेंगे। सबसे पहले हमें कॉपीराइटिंग को डिटेल में समझना होगा। ताकि यह स्किल हम सही तरह से खुद में डेवेलोप कर सकें। 

कॉपीराइटिंग क्या है?

कॉपीराइटिंग एक ऐसी लेखन पद्धति है, जिस से किसी प्रोडक्ट, विषय, सेवा आदि के लिए कॉल टू एक्शन के साथ लोगोंका ध्यान आकर्षित करती है। और उन्हें हमारी सेवा, प्रोडक्ट, या अन्य जो भी विषय है उसे खरीदने के लिए प्रेरित करते है। 

बचपन से मैं एक कहावत सुनते आ रहा हूँ, शायद आपने भी कभी सुनी होगी, 

“अगर आपके पास बेचने की कला है तो आप मिट्टी भी बेच सकते है, और आप के पास वह कला नहीं है तो आप सोना भी नहीं बेच पाते”

कॉपीराइटिंग के लिए यह मुहावरा मुझे काफी प्रेरित करते आ रहा है। और यह सही भी है। हमारे शब्द इतने प्रभावित और भावनात्मक दृष्टिकोण से आकर्षित होने चाहिए, साथ ही उसमें एक जबरदस्त कॉल टू एक्शन होना चाहिए। ताकि ग्राहक उसे विश्वास के साथ खरीदें। यही वह स्किल है जिसे हम कॉपीराइटिंग कहते है। 

याने हम यह कह सकते है की, कॉपीराइटिंग एक ऐसी स्किल है जो व्यापारिक उद्देश्यों के साथ आती है, ऐसा लेखन जो व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति करता है, उसे हम कॉपीराइटिंग कह सकते है। 

व्यापारिक तौर पर ऐसा कंटेट जो किसी प्रोडक्ट, सेवा, विषय-वस्तु को खरीदने के लिए ग्राहकों को प्रेरित करता है उसे हम कॉपीराइटिंग कहते है।

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कॉपीराइटिंग कैसे सीखें?

अगर आप कॉपीराइटिंग सिखने की चाह रखते है तो आपको खुद को विस्तार देने की जरूरत है। अपने आस-पास देखिये, आपके आस-पास ऐसे कई स्किल मौजूद है जिससे आपको कॉपीराइटिंग स्किल सिखने में मदद मिलती है। जैसे, सब्जीवाला, दूधवाला, छोटे-मोटे सामान बेचनेवाला, भंगारवाला, किसी दुकान का सेल्समन आदि।

ऐसे कई लोग हमारे आस-पास होते है जो व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए, अपना माल बेचने के लिए, ग्राहकों को ऐसे भावनात्मक शब्दों से रिझाते है, जिससे ग्राहक आकर्षित होता है। आप यदि गौर करेंगे तो आप समझ जायेंगे, उन भावनात्मक शब्दों में जबरदस्त तरीकें से कॉल टू एक्शन भी होता है। अगर आप कॉपीराइटिंग स्किल सीखना चाहते है तो सबसे पहले आपको आपके आस-पास ऐसे लोगो पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहियें।

अगर आप ऐसे लोगों के शब्दों पर गौर करेंगे, उनके द्वारा बोले जा रहे शब्दों को तीखी नजर से देखेंगे तो आप उनके द्वारा अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए कहे जानेवाले वाक्यांशों में कुछ चीजे देख पाएंगे; जिसमें,

  • ध्यान आकर्षण 
  • भावनात्मक संवेदनशीलता 
  • सकारात्मक दृष्टिकोण 
  • सौन्दर्यात्मक भाषाशैली 
  • जबरदस्त कॉल टू एक्शन 

 और यही कॉपीराइटिंग स्किल की नीव भी है। अगर आप कॉपीराइटिंग स्किल सीखना चाहते है तो आप को उपरोक्त बातों का निरंतर अभ्यास करना चाहिए। इसे हम विस्तार से समझने की कोशिश करते है। ताकि आप कॉपीराइटिंग स्किल खुद में डेवेलोप कर पायें।

ध्यान आकर्षण 

ध्यान आकर्षण कॉपीराइटिंग का महत्वपूर्ण पैलू है। अगर आप किसी कार्यक्रम में कोई ग्रुप डांस देख रहे है और उस ग्रुप डांस में सभी एक जैसा डांस कर रहे है लेकिन एक व्यक्ति अपने ग्रुप मेम्बर से अलग डांस कर रहा है तो आप की नजर उस व्यक्ति पर जाएगी ही जाएगी। 

ऐसा इसलिए, क्यों की वह व्यक्ति सभी ग्रुप मेम्बर से कुछ अलग कर रहा है। जो आपका ध्यान खीच रहा है। और यही कॉपीराइटिंग स्किल का मूलतत्व है। 

आपका कंटेंट जो किसी प्रोडक्ट, सेवा, विषय के बारे में है वह ऐसा होना चाहिए जो उस अलग डांस करने वाले व्यक्ति की तरह ग्राहकों का ध्यान खीचने के लिए मजबूर कर दे।

भावनात्मक संवेदनशीलता 

“Emotion is the power to attract audience to you” भावना में ऐसी शक्ति होती है जो दर्शकों को तुम्हारी और आकर्षित करती है। कॉपीराइटिंग में भावनात्मक संवेदनशीलता का गहरा महत्व है। 

ऐसा कंटेंट जो आपके प्रोडक्ट, सेवा या विषय-वस्तु को ग्राहको के साथ भावनात्मक स्थिति तक जोड़ सकता है। आपको समझाना होगा हम इन्सान है, दुनिया में सब से ज्यादा भावनात्मक संवेदनशीलता इंसानों में पायी जाती है, इसीलिए इन्सान सभी प्राणियों से अलग है। 

अगर कॉपीराइटर के तौर पर आप इस बात को गहराई से समझते है तो यक़ीनन आपके कंटेंट में वह जादू दिखाई देगा जो किसी प्रोडक्ट को मार्केट में सुपरहिट कर देगा। 

अगर आपको कंटेंट राइटिंग स्किल खुद में डेवेलोप करना है तो आपको इमोशन बेस कंटेंट पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। इस के लिए आपको आपके प्रोडक्ट,सेवा, विषय-वस्तु के भावनात्मक स्तर को पहचानकर उससे खुद को जोड़ना होगा। 

सकारात्मक दृष्टिकोण 

 अगर आप एक कॉपीराइटर बना कहते है तो  यह बात आपको सही तरीकें से समझने की जरूरत है। आपको नकारात्मक शब्दों और वाक्यांशों से बचना चाहिए। आपके कंटेंट में मौजूद कोई भी नकारात्मक शब्द या वाक्य आपके प्रोडक्ट या सेवा को ऑडियंस के साथ भावनात्मक स्तर पर जोड़ नही पातें। इसलिए कॉपीराइटिंग में कंटेंट को सकारात्मक दृष्टिकोण से लिखना महत्वपूर्ण है। 

यह कॉपीराइटिंग स्किल सिखने के लिए आपको सकारात्मक और नकारात्मक शब्दों को पहचाना, और नकारात्मक शब्दों एवं वाक्यांशों को सकारात्मक शब्दों और वाक्यांशों में बदलना सीखना चाहिए।

सौन्दर्यात्मक भाषाशैली 

“सौन्दर्य आकर्षण का मुख्य बिंदु है”। अगर कोई व्यक्ति विशेष सुन्दर है तो वह जरुर आकर्षक है। कॉपीराइटिंग में भी इस बात को समझने की जरूरत है। अगर आप के कंटेट की भाषाशैली में सौन्दर्य है तो ऑडियंस को आपके प्रोडक्ट या सेवा में दिलचस्पी निर्माण होना स्वाभाविक है। 

या हम यह कह सकते है की, किसी प्रोडक्ट या सेवा में ऑडियंस की स्वाभाविक दिलचस्पी निर्माण करने के लिए हमें अपने कंटेंट में सौन्दर्यात्मक भाषाशैली का इस्तेमाल करना जरूरी है।

सौन्दर्यात्मक भाषाशैली को सिखने के लिए हमें ऐसे शब्दसमूह को जानना चाहिए जो भाषा को सौन्दर्य प्रदान करते है। 

जबरदस्त कॉल टू एक्शन

आप अपने प्रोडक्ट या सेवा को खरीदने के लिए अपने ऑडियंस या ग्राहकों को जबरदस्ती नही कर सकते। क्यों की कोई भी ग्राहक जबरदस्ती आपके प्रोडक्ट या सेवा नही खरीदेगा। ऐसे में काम आता है कॉल टू एक्शन। 

आपके कंटेंट में ऐसा जबरदस्त कॉल टू एक्शन शामिल होना चाहिए जो ग्राहकों को आपका उत्पाद या सेवा खरीदने के लिए प्रेरित करें। 

कॉल टू एक्शन कॉपीराइटिंग कंटेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आपको जरुर सीखना चाहिए। आप अपने ग्राहकों को अपना प्रोडक्ट खरीदने के लिए कैसे प्रेरित कर सकते है। आपके कंटेंट में ऐसे शब्द और वाक्यांश मौजूद होने चाहिए जो आपके ऑडियंस को भावनात्मक स्तर पर प्रोडक्ट या सेवा खरीदने के लिए तैयार करें।

इसके साथ ही आपको कॉपीराइटिंग सिखने के लिए कुछ अन्य स्टेप्स भी फॉलो करनी होगी।

कॉपीराइटिंग स्किल सिखने के लिए अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

टार्गेटेड ऑडियंस की समझ : जिस प्रोडक्ट, सेवा, विषय-वस्तु के लिए आप कॉपीराइटिंग कर रहे है , उसके लिए उपलब्ध ऑडियंस की समझ आपको होनी चाहिए। आपके ऑडियंस का प्रोडक्ट के प्रति झुकाव, आवश्यकता, भावनात्मक लगाव, जैसी बातों पर आपको रिसर्च करनी चाहिए।

आकर्षक हैडलाइन पर फोकस : आपके कंटेट के लिए आकर्षक हैडलाइन पर आपको फोकस करा चाहिए, जो आपके प्रोडक्ट या सेवा को सही तरह से एक्सप्लेन कर सकें। और ऑडियंस को भावनात्मक स्तर पर जोड़ने के लिए कामयाब हो। 

छोटे शब्दों और वाक्यांशों का चयन : जब आप किसी प्रोडक्ट या सेवा के लिए कॉपीराइटिंग करते है तो आपको ध्यान रखने की आवश्यकता है की आपके कंटेंट में छोटे शब्द और वाक्यांश हो। अगर आप लम्बे और अधिक शब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो आपका कंटेट बोरिंग हो जायेगा । 

बेनिफिट को हाईलाइट करें : जिस प्रोडक्ट के लिए आप कंटेंट लिख रहे है उस प्रोडक्ट या सेवा का बेनिफिट हाईलाइट करना महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने प्रोडक्ट का बेनिफिट ही हाईलाइट नहीं कर पाए तो कोई भी ऑडियंस आपके प्रोडक्ट पर विश्वास नही कर पायेगी। 

अगर आप कॉपीराइटिंग सीखना चाहते है तो उपरोक्त सभी विषयों पर आपको गौर करना चाहिए साथ ही अपने स्किल को आगे बढ़ाने के लिए अपने दोस्तोंसे, अपने ऑडियंस से अपने कंटेट पर फीडबैक लेना चाहिए ताकि आप खुद के स्किल में सुधार कर सकें। 

संबोधन 

कॉपीराइटिंग क्या है? और कॉपीराइटिंग कैसे सीखे? इस विषय को आप अच्छे से समझ गये होंगे। कोई भी स्किल अपने आप में डेवेलोप करना ज्यादा मुश्किल नहीं होता लेकिन इसके लिए निरंतरता की आवश्यकता होती है। अगर आपका कॉपीराइटिंग स्किल के बारे में कोई सवाल है? या आप इससे अधिक डिटेल में जानकारी चाहते है तो हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें। 

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