अगर आप कंटेट राइटिंग के लिए हिन्दी भाषा सिखाना चाहते है तो सब से पहले आप को हिंदीवर्णमाला (hindi letters chart) को समझना महत्वपूर्ण है। हिन्दी वर्णमाला में मौजूदा स्वर और व्यंजन एक दुसरे के साथ कैसी प्रतिकिया करते है जिससे शब्द की उत्पति होती है। और शब्दों के समुहों को हम वाक्यांश कहते है । इसलिए हिन्दी भाषा को सिखने की चाह रखने वालों को सबसे पहले हिंदी वर्णमाला को सही तरह से समझने की जरूरत होती है।
हमारे देश में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त है, और देश क्वे सारे प्रमुख प्रदेशों में हिन्दी बोली और समझी जाती है। वैसे तो हिन्दी के वर्णमाला को सभी भाषाओं में लिखा जा सकता है, लेकिन हिन्दी भाषा अपनी खुद की लिपि में ज्यादा बेहतर तरीके से समेटे हुए है , जिसे हम देवनागरी लिपि कहते है।
(देवनागरी लिपि मूलतः हिन्दी भाषा की लिपि है, लेकिन कई प्रमुख भाषाओँ का विकास देवनागरी लिपिमें में हुआ है, जिसमें संस्कृत, पाली, के साथ मराठी, नेपाली, गुजरी, भीली, भोजपुरी, कोंकणी, मगधी, मैथिली, मारवाड़ी, नेवाड़ी, पहाड़ी (गढ़वाली और कुमाऊंनी), संथाली, थारू और कभी-कभी सिंधी, पंजाबी और कश्मीरी भाषा को भी देवनागरी में लिखा जाता आया है )
हिंदी वर्णमाला (hindi letters chart)
स्वर और अचर (जिसे हम व्यंजन कहते है) हिंदी भाषा एवं वर्णमाला के मुलभुत अंग है। हिन्दी वर्णमाला में 12 स्वर (जिसमें 10 प्रमुख स्वर और 2 चिन्ह है) और 48 व्यंजन है। इन्ही स्वर और व्यंजनों में हिंदी भाषा बोली और लिखी जाती है।
आपने हिन्दी वर्णमाला के स्वरों को पढ़ा है, जो हिन्दी वर्णमाला के स्वरों के नये वर्जन के रूप में हम देखते है। वास्तव में हिन्दी में मूल स्वर “ अ् ” ही है। इसे समझते है।
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ |
ए | ऐ | ओ | औ | अं | अः |
इस तरह से हम आधुनिक हिन्दी में वर्णमाला के स्वर लिखते है और पढ़ते भी है। लेकिन वास्तविक यह एक ही स्वर “ अ् ” से निर्मित है। अ पर हुए अलग अलग 12 स्वर संस्कारों के साथ 12 अलग स्वर का निर्माण हुआ है, और यही अलग-अलग 12 स्वर व्यंजनों पर प्रतिक्रिया करते है और शब्द और वाक्यांशों की रचना करते है।
वास्तव में स्वर मूलतः इस तरह से होते है।
अ | आ | अि | अी | अु | अू |
अे | अे | ओ | औ | अं | अः |
स्वर और व्यंजनों की प्रतिक्रिया
अब। हम देखते है की स्वर व्यंजनों पर किस तरह से प्रतिक्रिया करते है और एक नये शब्द को एवं उच्चारण को प्रगट करते है।
क् + अ = क
क् + आ = का
क् + अि= कि
क् + अी = की
क् + अु = कु
क् + अू = कू
क् + अे = के
क् + अै = कै
क् + ओ = को
क् + औ = कौ
क् + अं = कं
क् + अः = कः
इस तरह से आप सभी 48 व्यंजनों पर स्वर की प्रतिकिया से शब्दों का निर्माण करते है। अब आपको सभी व्यंजनों के साथ स्वरों के व्यवहार को लिखकर प्रैक्टिस करनी है। ताकि आप हिन्दी सिखने की अपनी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए विभिन्न शब्दों का निर्माण कर सकें और स्वर और व्यंजनों क्वे व्यवहार को समझ सकें।
संबोधन
हिन्दी भाषा को सिखने की चाह रखनेवाले मेरे मित्रों, इस आर्टिकल को हम यहाँ तक ही सिमित करते है ताकि आप हिन्दी को सही तरह से समझ सकें और प्रैक्टिस कर सकें। आगे हम कई लेखों द्वारा हिन्दी को विस्तार से सीखेंगे।